bhoot ki kahani Fundamentals Explained
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Bhoot ki kahani
उस दिन से गौरब को भुत और आत्माओं से डर लगना बंद हो जाता है।
भूत प्रेतों से जुड़ी तीन सच्ची कहानियां
शायद ऐसा आप भी सोंचते अगर आप मेरी जगह होते तो ।
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और तभी मुझे याद आया कि वो जो चिट्ठी आई थी। उसमें उसका पता तो होगा। फिर मैं उसका पता पढ़ कर उसके पते के अनुसार मैं उसके घर मिलने के लिए गया।
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उस औरत ने कहा की वह घरेलु हिंसा का शिकार हुई है और उसके पति ने उसकी हत्या करके इसी जंगल में दफना दिया है। और तबसे उसकी आत्मा इस घर में कैद हो गई है। यह सुनकर गौरब ने उस आत्मा की मदद करने का सोचा और उससे वादा किया की वह उसे मुक्ति दिलाकर कर रहेगा।
उसके सामने बैठकर ताश खेलना चालू कर दिया । थोड़ी देर बाद गर्मी लगने लगी । तो हमने सारी खिड़कियां खोल दी तो अच्छी हवा आने लगी । और हम लोग ताश खेलने में व्यस्त हो गए। तभी हमारे तीसरे मित्र ने बोला कि हमारे पास बीड़ी और माचिस भी है।
पापा हम कल भी घूमने जाएंगे। किशोर = ठीक है। बेटा हम ...
और उनको कुछ याद भी नहीं आया. और वह एकदम स्वस्थ हो गए, और अपने बैंक में काम फिर से चालू कर दिया।
फूलपुर गांव में शाम का वक़्त था शहनाई की आवाज सुनाई दे रही थी आज अभिषेक और मायरा की शादी थी । फूलपुर गांव में खूनी वधु का आतंक था इसीलिए लोग रात होने से पहले ही अपने घर का दरवाजा बंद कर देते थे । ...
उस दिन से वह घर भुत से आजाद हो गया। गांब वालो ने सारे बच्चों के साहस की तारीफ की और सबको इनाम भी दिया।
उस चिट्ठी में लिखा हुआ था.कि कल जब फैक्ट्री से निकलो तो जहां पर मैं खड़ी रहती हूं वहां पर मेरा इंतजार करना उस के दूसरे दिन मैं वहां पर पहुंच गया। तो वह लड़की वहां पर नहीं खड़ी थी। मैंने काफी इंतजार किया फिर मैं अपने घर की तरफ चल दिया.